Hindi Literature

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तो कलम चलती है….

लब्ज़ोको मुह में दबाकर,जब मौन के कोड़े मारता है कोई -

तो कलम चलती है….

वख्तको बोतलमे बंध करके,खोमोशीयो के विराने मे छोड़ आता है कोई -

तो कलम चलती है…..

दुनिया जिसने देखी भी नहीं, ऐसे गर्भको दफ़ना दिया जाता है -

तो कलम चलती है…

जो फुला-फला भी नहीं,ऐसे पौधेको ज़मीनसे उखाड़ दिया जाता है -

तो कलम चलती है….

जो हुवे भी ही नहीं,ऐसे गुनाहो की सजा जब पाता है कोई -

तो कलम चलती है….

खुदा जब चुपकेसे सियाही बनके कलममे घूस जाता है-

तो खुद-ब-खुद कलम चलती है….

-Radhika patel-

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    radhika patel

    Thank u very much sir....

  • up

    Ajay Bharti (Goswami)

    .....aisee kalam ko hamaaree kalam salaam kartee hai.

  • up

    radhika patel

    shukriya...



    Ajay Bharti (Goswami) said:

    .....aisee kalam ko hamaaree kalam salaam kartee hai.