For the lovers of Hindi Literature...
लब्ज़ोको मुह में दबाकर,जब मौन के कोड़े मारता है कोई -
तो कलम चलती है….
वख्तको बोतलमे बंध करके,खोमोशीयो के विराने मे छोड़ आता है कोई -
तो कलम चलती है…..
दुनिया जिसने देखी भी नहीं, ऐसे गर्भको दफ़ना दिया जाता है -
तो कलम चलती है…
जो फुला-फला भी नहीं,ऐसे पौधेको ज़मीनसे उखाड़ दिया जाता है -
तो कलम चलती है….
जो हुवे भी ही नहीं,ऐसे गुनाहो की सजा जब पाता है कोई -
तो कलम चलती है….
खुदा जब चुपकेसे सियाही बनके कलममे घूस जाता है-
तो खुद-ब-खुद कलम चलती है….
-Radhika patel-
radhika patel
Thank u very much sir....
Mar 6, 2013
Ajay Bharti (Goswami)
.....aisee kalam ko hamaaree kalam salaam kartee hai.
Mar 8, 2013
radhika patel
shukriya...
Ajay Bharti (Goswami) said:
Mar 8, 2013