Monica Sharma's Blog – September 2020 Archive (8)

मां

मेरी ख़ामोश सी निग़ाहों को

बिन कहे पढ़ लेती है

मेरी भूल को छुपाने को

दुनिया से लड़ लेती है

जो वजूद है मेरा,उसका कहना ही क्या

भगवान से भी पहले, आती है मेरी मां

कितने राज़ थे मेरे

जो दुनिया से छुपाए बैठी है

अपनी पलकों में आंसू

मोती से सजाएं बैठी है

मेरी छोटी सी उफ़ पर

रातों को भूल जाती थी

सिराहने बैठ मेरे प्यार से

सिर को सहलाती थी

टुकड़े हाथों से तोड़ कर

जब मुझे खिलाती थी

खाता देख मुझे उसको

तृप्ति मिल जाती…

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Added by Monica Sharma on September 25, 2020 at 11:45pm — No Comments

मेरा प्यार मुझसे रूठ गया

एक तारा अंबर से टूट सा गया

मेरा प्यार मुझसे रूठ सा गया

जाने किस बात पर की अनबन

तोड़ लिया रिश्ता जैसे टूटे दर्पण

कहा था तुमने कभी तुम छाता हो मेरा

संभालू ठीक से तो उम्र भर रहेगा मेरा

बदलकर आज वो मुझे लूट सा गया

मेरा प्यार मुझसे रूठ सा गया

मनाया लाख पर उसने कहां मानी

मेरे प्यार को समझा कोई झूठी कहानी

हज़ारों बार मैंने उसे फ़रियाद भेजी

पर वक़्त की कमी में उसने न देखी

संग चलने का वादा था वो टूट सा गया

मेरा प्यार मुझसे रूठ सा…

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Added by Monica Sharma on September 22, 2020 at 7:25pm — No Comments

मेरे पतिदेव

लाखों की भीड़ में सबसे जुदा

मानो न मानो वो है मेरा खुदा

दिल में न उसके है कोई फरेब

ऐसे प्यारे से है मेरे पतिदेव

हर जिम्मेदारी को हंस कर निभाना

हो मुश्किल कभी तो लगे गाने गाना

ढूंढ न सकोगे उनमें कोई भी एब

ऐसे प्यारे से है मेरे पतिदेव

चाहत कभी वो जताते नही

मीठी- मीठी बातें कभी वो बनाते नही

सातों जन्म न मिले तो होगा मुझे खेद

ऐसे प्यारे से है मेरे पतिदेव

तेरा गुस्सा और नखरा सब सह जाऊंगी

बहती आंखों से बाते सब कह जाऊंगी

तेरी…

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Added by Monica Sharma on September 18, 2020 at 8:14pm — No Comments

तुम हो ख़ास

दूर रह कर भी तुम से जुड़ी है आस

अब तो समझ जाओ के तुम हो ख़ास

बारिश की पहली बूंद से हो तुम

पत्तों पे गिरी ओस से हो गुम

देखने से तुमको रुकती हर सांस

अब तो समझ जाओ के तुम हो ख़ास

मेरी यादों से जुड़े एहसास हो

मेरी कविता में लिखे अल्फ़ाज़ हो

मेरी आंखों को जो सुकून दे

वो जलता हुआ चिराग हो

राधा मैं तेरी कब रचाओगे रास

अब तो समझ जाओ के तुम हो ख़ास

तेरी आवाज़ की खनक,मेरी आंखो में चमक लाती है

जैसे रेगिस्तान में कही दूर बारिश की सदा आती…

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Added by Monica Sharma on September 16, 2020 at 2:38pm — No Comments

मेरी हिन्दी मेरा मान

हिन्दी दिवस की बेला है,लगा कविताओं का मेला है

सभ्यता का मेल है, शब्दों का अनूठा खेल है

हिंदी की माला में मोती अनेक

सब भाषाओं में सबसे ये नेक

वीणा के साज सा भारत के ताज सा

अपना के हिंदी को खुद पर है नाज़ सा

हिंदी भाषा तो ज्ञान का भंडार है

अमूल्य वेदों का इसमें सार है

अलंकारों से हिंदी का होता श्रृंगार है

वर्णों को जोड़कर बनाया एक हार है

भाषाओं की जननी है, जोड़ने में अग्रणी है

राष्ट्र भाषा का सही इसे मान दिलाया है

हिन्दी का गौरव आज…

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Added by Monica Sharma on September 14, 2020 at 11:03pm — No Comments

तुम इतना याद आओगे

जिंदगी की कशमकश में ऐसे उलझ जाओगे

सोचा ना था कभी तुम इतना याद आओगे

रेत से मेरे हाथों से यूं फिसल जाओगे

सोचा ना था कभी तुम इतना याद आओगे

याद है तुझसे वो पहली मुलाकात

जब मुस्कुराते हुए तूने थामा था मेरा हाथ

अपने हाथों की नमी,मेरे हाथों में छोड़ जाओगे

सोचा ना था कभी तुम इतना याद आओगे

वो छोटी छोटी बातों पर तेरा रूठ जाना

कोशिश करूं हज़ार पर फिर भी ना मुस्कुराना

अब मान भी जाओ, और कितना सताओगे

सोचा ना था कभी तुम इतना याद आओगे

दूरियों से…

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Added by Monica Sharma on September 12, 2020 at 11:55pm — 2 Comments

meri soch

Added by Monica Sharma on September 9, 2020 at 8:50pm — No Comments

umeed

Added by Monica Sharma on September 4, 2020 at 8:13pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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