August 2020 Blog Posts (167)

एहसास

मर्यादा का घूंघट पहने, जब मैं निकली घर से

बीच राह में कैसी हलचल, भावुक है मन तब से

प्रेम, क्रोध और तृष्णा का बुन गया है ताना बाना

भाव नदी में बह गई मैं,अब हाथ न कुछ भी आना

सोचा खुद पर संयम रख लूं कर्तव्य सभी मैं पूरे कर लूं

पर जैसे नदी की धारा पर चलता नही है ज़ोर

लाख जत्न करने पर भी, मन खींचा मेरा उस ओर

निंदा और प्रशंसा में अब लगे न कोई भेद

झुकती नज़रे रुकती सांसे होने लगा है खेद

जैसे- जैसे समय बीतता हो जाता है ज्ञात

जीवन चक्र तो ऐसे चलता न…

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Added by Monica Sharma on August 31, 2020 at 4:54pm — No Comments

रुई की चादार पर सपने सुलाए थे बारिश आकर उन्हे किसी और की नींदो में बारसा गई!! @jhanvi sareen

रुई की चादार पर सपने सुलाए थे
बारिश आकर उन्हे किसी और की नींदो में बारसा गई!!

@jhanvi sareen

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Added by Jhanvi Sareen on August 31, 2020 at 4:17pm — No Comments

"दो घड़ी का साथ !"

‍‍‍‍तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी अपनी दिखाऊ भी तो कैसे?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा

उससे भी व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

बिन तेरे जो वक़्त गुजर  गया,

जाने कितना कुछ सीखा गया!

हर एक छोटी -छोटी बाते ,

दो पल में तुझे बताऊ  कैसे?

तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी तेरी मिटाऊ भी तो कैसे ?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा,

उससे व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

दोस्ती का रिश्ता जितना प्यारा  पाया,

किसी और नाम से तुझे  बुलाऊ  कैसे ?

तुम कहते…

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Added by Geeta Negi on August 31, 2020 at 1:46pm — 1 Comment

#स्वीकार्यता

#स्व



में बातों को घुमाने में विश्वास नही करती जो मेरी नजर में सत्य है । में अक्सर उसके आगे ही खड़ी रहती हूं । चाहे परिस्थितिया कुछ भी हो , या लोगो के नजर में ये एक बेहूदगी हो या मेरी अड़ियलपंती , में अपनी बात से तनिक भी हिलती नही ।

हम एक सभ्य समाज में रहते है , ये एक किताबी बात लागती है मुझे , क्या सभ्य समाज जो आज हमारे आस पास है उसे सभ्य समाज कहते है तो में , तनिक भी इस बात में अपनी भागीदारी नही दूंगी , ये मेरी अपनी मानसिक मन्दता हो सकती है कि में सभ्य समाज को नही देख पा रही हु ,… Continue

Added by नेहा पाठक on August 31, 2020 at 12:37pm — No Comments

ये pubg का दौर

आज फिर से वो कागज़ की कश्ती से खेलने को दिल चाहता है हबीब,
आज इस pubg खेल ने दोस्तों के जज़्बातों का क़त्ल करके रख दिया...

Added by Habib Rehman(mere_ankahe_alfaaz) on August 31, 2020 at 9:34am — No Comments

चार महीनों का हिसाब: अमृता प्रीतम जी के जन्म दिवस पर उनके लिये एक श्रद्धांजलि

उस दिन गहरी नींद से जागा था

इक स्वप्न टूटा था मानो मेरा

उन चार महीनों का जब तुमने हिसाब माँगा था

निशब्द और स्तब्ध सा होकर रह गया था 

शब्द मस्तिष्क के किसी भंवर में कैद थे 

जो मुख तक आकर वापस लौट रहे थे 

हिसाब से ज्यादा तो ये समीकरण था मेरे लिए …

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Added by कल्पना चौहान on August 31, 2020 at 6:37am — No Comments

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में, काम करने का, अपना मज़ा है !

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में
काम करने का,
अपना मज़ा है !
सब कुछ भुला कर,
मंज़िले हासिल करने का,
अपना मज़ा है!!
जब दिल और दिमाग  कही और हो!
हर पल मन मार  कर,
कुछ किया तो क्या किया?

वक़्त का पता भी न चले
और सर पे सवार जूनून हो,
कुछ इस तरह देर रात जागके,
मन चाहा काम करने का
अपना मज़ा है !
@Geeta Negi

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 11:25pm — No Comments

Sunna chahti hu main !

सुनना चाहती हूं मैं सुनना चाहती हूं मैं,

वो कहानियां , वो किस्से,

वो मेरी भूली बिसरी यादों के,

कुछ बचे हुए से हिस्से,

वो गीत, वो नज़्में,

वो तुम्हारी डायरी के पन्नों के,

कुछ फटे हुए से हिस्से ।

सुनना चाहती हूं मैं,

वो आवाज़,वो शब्द,

वो मेरे तेल में लिपटे बालों के,

कुछ जड़ी- बूटी के नुस्खे,

वो संभाल,वो हिफ़ाज़त,

वो मेरी प्यार से बंधी चोटी के,

कुछ सफ़ेद रिब्बन के हिस्से ।

सुनना चाहती हूं मैं,

वो हंसी , वो…

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Added by Jasmine Singh on August 30, 2020 at 11:06pm — 2 Comments

बाप

Added by Sanket Joshi on August 30, 2020 at 9:42pm — 2 Comments

लम्हों की इक दुकान

लम्हों की इक दुकान लगी थी

कुछ पल खरीदने मैं भी निकल पड़ा

लंबी कतार और वक़्त भी कम

पीछे के दरवाजे से जाकर मैं

हम दोनों के लिए कुछ पल चुरा लाया

उन्हीं कुछ पलों मे साथ बैठना हमारा

इधर उधर की अंतरंगी सी बातें तुम्हारी

उन बातों पर प्रतिक्रिया के नाम पर चुप रहना मेरा

ऐसा नहीं की बातें तुम्हारी दिलचस्प नहीं

बातों में तुम्हारी इक खामोशी सी है

चुप रह कर जिसे सुनता है मन मेरा

कभी खामोशी तुम्हारी शोर मचाती है…

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Added by कल्पना चौहान on August 30, 2020 at 8:03pm — 3 Comments

‍‍फुर्सत में हम  खुदको, कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है!

‍‍फुर्सत में हम  खुदको

कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है

दर्द में ख़ुशी को और

ख़ुशी में गम को ढूंढ लिए  करते है !

मिलजाये अगर कोई वजह दर्द की तो

दर्द में ख़ुशी ,ख़ुशी में गम छुपा लेते है ,

बेवजह आज भी यूही मुस्कुरा लेते है ,

फुर्सत में उससे जब भी याद कर लेते है!

साथ बिताये पल याद आ जाये अगर

तो उन्हें याद कर मुस्कुरा लेते हैं…

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Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 7:18pm — No Comments

हा में एक स्त्री हु ।

हा में एक स्त्री हु ।



तू कहे तो में दिग्विजय हो जाऊ ।।

गर छूले तो में एक नदी हो जाऊ।।

रूह में उतरु इस कदर की रुहानी हो जाऊ ।

पा लू संसार फिर भी खाली हो जाऊं।।



हा में स्त्री हु ।।



में किसी कवि की कविता , साहित्य का सार हो जाऊ,।

बालक का स्पर्श हो ,ओर में ममतामय माँ हो जाऊ।

प्रेममय आलिंगन ,हो में नारी हो जाऊं



हा में एक स्त्री हु ।।



में सूर्य की तपती किरण हो जाऊं

में कल्पना की तरह अंतरिक्ष मे खो जाऊ… Continue

Added by नेहा पाठक on August 30, 2020 at 6:18pm — 1 Comment

" हां आओ किसी दिन ऐसे मिलें हम"

"हां आओ किसी दिन ऐसे मिलें हम
एक दूजे से हो दूर दूर पर आंखो से बिल्कुल पास पास
तुम नजरें बचाकर मुझे देखो मै भी मुस्कुरा कर जवाब दूं
तुम्हारा मन न लगे मुझसे हटके कहीं और मै कहीं और देखने का दिखावा करूं
जो हो जाओ आंखो से ओझल तो मै तुम्हे खोजती फिरूं
पर तुम भी इस फिक्र में रहो कि मैंने बहुत देर से तुम्हे मुड़कर देखा नहीं
फिर एक दूजे के लिए परेशान आंखो में आंसू लिए एक उम्मीद के साथ हो जाएं दूर दूर
हां आओ किसी दिन ऐसे ही मिले हम"

Added by Pooja Upadhyay on August 30, 2020 at 5:48pm — No Comments

"लिखना"

"किसी को लिखना या किसी के लिए लिखना
ज्यादा आसान है उसे प्रेम करने की अपेक्षा"

Added by Pooja Upadhyay on August 30, 2020 at 5:43pm — No Comments

"सोचना"

"सोचना एक अहमकाना बीमारी है,
और मै बीमार हो रही हूं"
:(


अहमकान (मूर्खता या बेवकूफी)

Added by Pooja Upadhyay on August 30, 2020 at 5:13pm — No Comments

सादगी

जमाना बदनाम करने पर तुला हुआ है ,
जमाना बदनाम करने पर तुला हुआ है "मेरे हबीब",
ज़रा सम्भल कर रहना तू तेरी सादगी से बड़े जलते हैं लोग...

Added by Habib Rehman(mere_ankahe_alfaaz) on August 30, 2020 at 1:02pm — No Comments

मेरा पता

अगर कभी तुम गुम हो जाओ, तो खुद को मुझमें ढूंढना••• 

मैं तुम्हे तुम में ही मिलूंगी ये वादा है मेरा ।।

Added by Sakshi garg on August 30, 2020 at 12:47pm — No Comments

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परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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