तुझे लिखती रहूंगी मैं तेरे प्यार की स्याही में अपनी कलम को डुबो कर इस ज़िंदगी के पन्नों पे तेरे साथ जिये लम्हों को कविताओं में बुनकर तुझको लिखती रहूंगी मैं तुझको जीती रहूंगी मैं तू वो है जो मेरे साथ है और मेरे बाद भी रहेगा कभी किसी के होठों में हंसेगा किसी की आंखों से बहेगा किसी अलमारी के पुराने दराज की खुशबु में महकेगा किसी की आंखों की गहराई जब जब मेरे शब्दों में उतरेगी तब तब मेरे बाद तुझे पढ़…