जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो रात कितनी भी काली हो ढल ही जाएगी उमीदों की किरणे नभ पर सूरज उगायेगी रौशनी से जीवन पथ को चमकदार करो जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो पूजा यादव 'शावक ' देहरादून उत्तराखंड